आज भारत बंद है


आज भारत बंद है



हर गली हर नुक्कड़, चौराहे क्यों संद है|
सड़के हैं वीरान जन जन परेशान,
कहीं जीत तो कहीं हार की यह जंग है 
आज भारत बंद है|

चालको की चाल में वह यात्री बेहाल में
राजनीति के रण में 
कहीं शोरगुल तो कहीं सन्नाटा 
कोलाहल का प्रसंग है 
आज भारत बंद है

मानवता का होड़ आरक्षण का शोर
 हथगोले बनाते शांति दूत गंध
जात व पात विशेष भूभाग 
संप्रदायिकता के शूल पे नाचते दबंग हैं |
आज भारत बंद है|

महंगाई के मुद्दे , नकाबपोश गुंडे
भ्रष्टाचार नरसंहार सियासी बाजारों में
भगवा केसरिया लुटाते बेढंग है |
आज भारत भारत है|

फैला है आवरण जंतर मंतर शर्मसार
लूटता है चीर कहीं बीचों  बाजार
माटी की बागडोर अधर्मी के संग
अपनों के बहते लहू द्वंदात्मक रंग है|
आज भारत बंद है

इंसान का इंसानियत शुद्धता में खोया है|
बोझा उठाने वाला भूखे पेट सोया है|
जानें या भारत का कैसा विहंगम है|
आज भारत बंद है||


                                                                                                                                                                        राहुल कुमार
                                                                                                                                                                    १४ जनवरी २०१३

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